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मुकदमेबाजी और अदालती मामले

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मुकदमेबाजी और अदालती मामले

मुकदमेबाजी और अदालती मामलों को ज्योतिष के माध्यम से विश्लेषण करने में कुछ लोग विश्वास रखते हैं, हालांकि इसे विवेचन करने के लिए केवल ज्योतिष नहीं प्राप्त किया जा सकता है। अदालती मामलों में कानूनी और साक्ष्याधिकारी प्रमाण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यहाँ कुछ ज्योतिषीय प्रेरक तत्व हैं जो मुकदमेबाजी और अदालती मामलों में मदद कर सकते हैं:

  1. शनि की स्थिति: ज्योतिष में कहा जाता है कि शनि की अशुभ स्थिति में व्यक्ति को कानूनी संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। शनि की दशा या अंतरदशा में व्यक्ति को कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
  2. राहु-केतु के प्रभाव: राहु और केतु के संयोग से भी कानूनी मुद्दों में कठिनाईयों का सामना किया जा सकता है। इनकी संयोजना जन्मकुंडली में अद्भुत और असामान्य घटनाओं की ओर संकेत कर सकती है।
  3. मंगल की स्थिति: मंगल की अशुभ स्थिति भी व्यक्ति को कानूनी संघर्षों में फंसा सकती है। मंगल अग्नि का ग्रह होता है और इसकी स्थिति व्यक्ति को उत्तेजना और आग्रह कर सकती है।
  4. ग्रहों की समयगत चाल: ग्रहों की समयगत चाल भी व्यक्ति को कानूनी मामलों में अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना करा सकती है। ये चाल व्यक्ति के कार्यों और निर्णयों को प्रभावित कर सकती हैं।
  5. उपायों का उपयोग: कुछ लोग अपने ज्योतिषीय चार्ट के अनुसार उपायों का उपयोग करते हैं ताकि वे कानूनी मामलों में सफलता प्राप्त कर सकें।

कृपया ध्यान दें कि ज्योतिष केवल एक उपाय हो सकता है और अदालती मामलों में अन्य दृष्टिकोणों को भी ध्यान में रखना चाहिए। कानूनी मामलों में एक वकील या कानूनी सलाहकार की सलाह लेना हमेशा सर्वोत्तम होता है।