Reach us

1B, Pocket A, Ashok Vihar III, Ashok Vihar, New Delhi, Delhi, 110052

Talk to Astrologers

+91-8800981598

विवाहेतर संबंधों से संबंधित समस्याएँ

  • Home >
  • विवाहेतर संबंधों से 

विवाहेतर संबंधों से संबंधित समस्याएँ

विवाहेतर संबंधों से संबंधित समस्याओं को ज्योतिष के माध्यम से विश्लेषण किया जा सकता है, लेकिन ध्यान दें कि ज्योतिष केवल एक उपाय हो सकता है और इसे अन्य कारणों के साथ मिलाकर देखा जाना चाहिए। यहां कुछ ज्योतिषीय दृष्टिकोण हैं जो विवाहेतर संबंधों से संबंधित समस्याओं को समझने में मदद कर सकते हैं:

  1. कुंडली मिलान: कुंडली मिलान एक प्रमुख ज्योतिषीय उपाय है जो दो व्यक्तियों के बीच विवाह के योग्यता को मापता है। यह विवाही जीवन में समस्याओं की पहचान करने में मदद कर सकता है, जैसे कि दोष योग, ग्रहों की संघटना आदि।
  2. दोष योग: कुछ ग्रहों की संयोजना में दोष योग होता है, जो विवाही जीवन में समस्याएं पैदा कर सकता है। उन्हें ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
  3. ग्रहों की स्थिति: विवाह के समय ग्रहों की स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है। यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में विवाह से संबंधित ग्रहों की अशुभ स्थिति है, तो उन्हें ज्योतिषीय उपाय करने की सलाह दी जा सकती है।
  4. दोष निवारण पूजा: कई बार विवाह के बाद संबंधों में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे में, ज्योतिषीय पूजा और उपायों का आयोजन किया जा सकता है जो संबंधों को मजबूत कर सकता है।
  5. अनुष्ठान और मंत्र: विशेष मंत्र और अनुष्ठानों का प्रयोग भी संबंधों को सुखद और समृद्ध बनाने में मदद कर सकता है।

कृपया ध्यान दें कि ज्योतिष केवल एक उपाय हो सकता है और रिश्तों की समस्याओं के लिए केवल ज्योतिष पर निर्भर नहीं होना चाहिए। समस्याओं को समझने और हल करने के लिए प्रेम, समझदारी, और सहयोग भी महत्वपूर्ण होता है।