वैवाहिक समस्याएं
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वैवाहिक समस्याएं
वैवाहिक समस्याएं ज्योतिष में विभिन्न ग्रहों, नक्षत्रों, और योगों के संयोजन के द्वारा विश्लेषित की जा सकती हैं। ये समस्याएं विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं, जैसे कि:
- विशेष दोषों का प्रभाव: वैवाहिक समस्याएं कई बार कुंडली में विशेष दोषों के कारण होती हैं, जैसे कि मंगल दोष, शनि दोष, कालसर्प दोष, आदि। ज्योतिष उपायों के माध्यम से इन दोषों का प्रभाव कम किया जा सकता है।
- ग्रहों की संयोजना: विवाह के समय के ग्रहों की संयोजना में किसी भी अशुभ संयोजना का प्रभाव भी वैवाहिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
- विवाह के समय की दोष: विवाह के समय की गणना में किसी दोष की वजह से वैवाहिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि मुहूर्त दोष, कुंडली मिलान में अनुपयुक्तता, आदि।
- कर्मकाण्ड और पूजा: वैवाहिक समस्याओं को दूर करने के लिए ज्योतिष उपायों के अलावा, कर्मकाण्ड और विशेष पूजा-पाठ का भी महत्व होता है।
- व्यक्तिगत और सामाजिक कारण: कई बार वैवाहिक समस्याएं केवल ज्योतिषीय कारणों से ही नहीं होतीं, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक कारणों से भी हो सकती हैं।
वैवाहिक समस्याओं का विश्लेषण करते समय, ज्योतिषियों को अपने कार्य में सावधानी और ध्यान से प्रक्रिया को निर्धारित करना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति की प्रकृति और परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं।