ऑफिस, फैक्ट्री, मॉल, उद्योग, दुकान का वास्तु दर्शन
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ज्योतिष में, सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण विचार हो सकते हैं। यहां कुछ अनुभवी ज्योतिषीय लक्षणों की एक सारणी है जो इन समस्याओं से जुड़ सकती हैं:
- ग्रहों का प्रभाव: ज्योतिष के अनुसार, सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याएं ग्रहों के अशुभ स्थितियों के कारण हो सकती हैं। उच्च या नीच के ग्रहों, ग्रहों के मंगलीय या अनुचित संयोजन, ग्रहों के केंद्रों में दोष, आदि सिरदर्द और माइग्रेन के कारण बन सकते हैं।
- दशा और गोचर: ज्योतिष में व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों के स्थानों के अनुसार विभिन्न दशाओं और गोचरों का प्रभाव होता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में किसी ग्रह की दशा अथवा अशुभ गोचर है, तो वह सिरदर्द और माइग्रेन की समस्याओं का सामना कर सकता है।
- नक्षत्रों का प्रभाव: व्यक्ति के जन्म कुंडली में उपस्थित नक्षत्रों का भी विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
- उपायों का अनुसरण: ज्योतिष में उपायों का अनुसरण करके व्यक्ति अपनी समस्याओं को कम कर सकता है। ये उपाय ग्रहों के शांति, मंत्र, रत्न, यंत्र, और योगा आदि के माध्यम से किए जा सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को सिरदर्द या माइग्रेन जैसी समस्याओं से पीड़ित होने की समस्या है, तो उसे एक अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए जो उसकी जन्म कुंडली के अनुसार उपायों की सलाह दे सकता है।