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कलानिधि योग का महत्व और प्रभाव

कलानिधि योग का महत्व और प्रभाव

परिचय कलानिधि योग वैदिक ज्योतिष में एक अत्यंत महत्वपूर्ण योग माना जाता है। इसे अक्सर राजयोगों में सर्वोच्च माना जाता है। इस योग का संबंध मुख्य रूप से बृहस्पति के प्रभाव से है, जो ज्ञान, समृद्धि और सम्मान का कारक माना जाता है। कलानिधि योग का निर्माण कलानिधि योग का...

ज्योतिष शास्त्र में कुसुम योग का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में कुसुम योग का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में कुसुम योग का बहुत महत्व है। यह योग जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है, और अनेक शुभ फल प्रदान करता है। जातक परिजात और अन्य ज्योतिषीय ग्रंथों में इस योग के महत्व और प्रभाव का विस्तार से वर्णन मिलता है। कुसुम योग का निर्माण कुसुम योग का निर्माण तब...

हस्तरेखा के दुर्लभ योग महाभाग्य योग, भेरी योग, श्रीनाथ योग

हस्तरेखा के दुर्लभ योग महाभाग्य योग, भेरी योग, श्रीनाथ योग

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, कुछ विशेष योग होते हैं जो मनुष्य को अत्यधिक भाग्यशाली बनाते हैं। ये योग न केवल उच्च पद-प्रतिष्ठा और धन-संपत्ति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन में सुख और संतोष भी लाते हैं। नीचे कुछ ऐसे ही दुर्लभ और शुभ योगों का वर्णन किया गया है: महाभाग्य योग...

कूर्म योग: विस्तृत विश्लेषण

कूर्म योग: विस्तृत विश्लेषण

परिचय कूर्म योग ज्योतिष शास्त्र में एक अनूठा और शुभ योग है, जो कि जन्म कुंडली में विशेष ग्रह स्थितियों के आधार पर निर्मित होता है। यह योग कूर्म के समान आकृति दर्शाता है और इसके फलस्वरूप जातक में अनेक शुभ लक्षण पाए जाते हैं। कूर्म योग का निर्माण ग्रह स्थिति: कूर्म योग...

मत्स्य योग: ज्योतिषीय विश्लेषण और आध्यात्मिक महत्व

मत्स्य योग: ज्योतिषीय विश्लेषण और आध्यात्मिक महत्व

परिचय मत्स्य योग ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण और शुभ योग है, जो व्यक्ति के जीवन में शिक्षा, धर्म, सुख, और समृद्धि का संकेत देता है। यह योग विशेष ग्रह स्थितियों पर आधारित है और इसका संबंध वैदिक पुराणों में वर्णित मत्स्यावतार से भी है। मत्स्य योग का निर्माण: मत्स्य...

वैदिक ज्योतिष में प्रमुख योग: पारिजात योग, पर्वत योग, काहल योग, लक्ष्मी योग

वैदिक ज्योतिष में प्रमुख योग: पारिजात योग, पर्वत योग, काहल योग, लक्ष्मी योग

वैदिक ज्योतिष में प्रमुख योग: विस्तृत विवेचन वैदिक ज्योतिष में कई ऐसे योग होते हैं जो जातक के जीवन में धन, वैभव, और राजसत्ता का संकेत देते हैं। ये योग जातक की कुंडली में विशेष स्थानों पर ग्रहों की स्थिति से निर्मित होते हैं। 1. पारिजात योग निर्माण: इस योग का निर्माण...

अखंड साम्राज्य योग: एक विस्तृत परिचय

अखंड साम्राज्य योग: एक विस्तृत परिचय

अखंड साम्राज्य योग का महत्व वैदिक ज्योतिष में, अखंड साम्राज्य योग को एक शक्तिशाली और धन-समृद्धि प्रदान करने वाले योग के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह योग जातक के जीवन में अद्वितीय उपलब्धियों और सफलता का संकेतक होता है। योग का निर्माण लग्न और बृहस्पति: यह योग तभी बनता...

गजकेसरी योग: वैदिक ज्योतिष का एक शुभ योग

गजकेसरी योग: वैदिक ज्योतिष का एक शुभ योग

परिचय वैदिक ज्योतिष में गजकेसरी योग का विशेष महत्व है। यह योग जब किसी जातक की कुंडली में बनता है, तो वह व्यक्ति अपने जीवन में असीम सफलता और समृद्धि प्राप्त करता है। यह योग ज्ञान, साहस, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। गजकेसरी योग का स्वरूप गजकेसरी योग तब बनता है जब...

मंगल दोष: विश्लेषण, प्रभाव और निवारण के उपाय

मंगल दोष: विश्लेषण, प्रभाव और निवारण के उपाय

परिचय मंगल दोष ज्योतिष शास्त्र में एक गंभीर दोष माना जाता है, जिसके कारण विवाह में बाधा और अन्य समस्याएँ आ सकती हैं। यह तब बनता है जब कुंडली के प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल ग्रह का वास होता है। इसे "मांगलिक दोष" भी कहा जाता है। ज्योतिषीय...

कालसर्प दोष: विनाशकारी दोष के लक्षण और उपाय

कालसर्प दोष: विनाशकारी दोष के लक्षण और उपाय

परिचय ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को एक गंभीर और विनाशकारी दोष माना गया है। यह दोष तब बनता है जब किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं। इस दोष के कारण जातक को मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कालसर्प दोष के लक्षण मृत...