परिचय
मंगल दोष ज्योतिष शास्त्र में एक गंभीर दोष माना जाता है, जिसके कारण विवाह में बाधा और अन्य समस्याएँ आ सकती हैं। यह तब बनता है जब कुंडली के प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल ग्रह का वास होता है। इसे “मांगलिक दोष” भी कहा जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, यह दोष विवाह और सामाजिक संबंधों में विशेष रूप से प्रभावित करता है।
कुंडली में मंगल दोष का स्थान
- प्रथम भाव: आत्म-सम्मान और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे।
- द्वितीय भाव: पारिवारिक संबंध और वित्तीय स्थिति पर प्रभाव।
- चतुर्थ भाव: घरेलू सुख और माता-पिता के साथ संबंधों पर असर।
- सप्तम भाव: विवाहित जीवन और जीवनसाथी के साथ संबंधों पर प्रभाव।
- अष्टम भाव: आयु, मृत्यु और छिपी हुई चीजों पर प्रभाव।
- द्वादश भाव: व्यय, विदेश यात्रा और आत्मिक मामलों पर असर।
मंगल दोष के प्रभाव
- विवाह में विलंब: मंगल दोष होने पर विवाह में देरी या बाधाएं आती हैं।
- संबंधों में कठिनाई: इस दोष के कारण वैवाहिक जीवन में तनाव और मतभेद हो सकते हैं।
- करियर और स्वास्थ्य में चुनौतियां: जीवन में अन्य कई प्रकार की बाधाएं और समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
मंगल दोष निवारण के उपाय
- हनुमान जी की पूजा: मंगलवार को हनुमान जी की विधिवत पूजा करें और सुंदरकांड का पाठ करें।
- लाल चीजों का दान: मंगलवार के दिन लाल चीजों जैसे लाल मिर्च, गुड़, लाल कपड़े, शहद, लाल रंग की मिठाई, मसूर की दाल आदि का दान करें।
- सिंदूर का अर्पण: हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
- मंगलनाथ मंदिर में पूजा: उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में जाकर भात पूजन करने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- नीम का पेड़ लगाना: मंगलवार के दिन नीम का पेड़ लगाने और उसकी देखभाल करने से इस दोष का निवारण होता है।
अन्य उपाय
- जल अर्पण: प्रत्येक मंगलवार को सूर्योदय के समय सूर्य देवता को जल अर्पित करें और ओम घृणि सूर्याय नमः का जाप करें।
- फास्टिंग: मंगलवार को व्रत रखें और शाम को बजरंगबली की जाप मंगल ग्रह के मंत्र ‘ॐ मंगलाय नमः‘ या ‘ॐ भौमाय नमः‘ का नियमित रूप से जाप करें।
- मंगल यंत्र: मंगल यंत्र की स्थापना करें और उसकी नियमित पूजा करें।
- रेड कोरल (मूंगा): ज्योतिषीय सलाह अनुसार, मूंगा धारण करने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- मंगलवार को गरीबों को भोजन कराएं: इस दिन गरीबों को भोजन कराना और उन्हें दान देना भी शुभ माना जाता है।
- विशेष पूजा और अनुष्ठान: ज्योतिषी की सलाह से मंगल दोष निवारण के लिए विशेष पूजा या अनुष्ठान कराना।
निष्कर्ष
मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए उपरोक्त उपायों को अपनाना लाभकारी हो सकता है, लेकिन यह सदैव उचित होता है कि आप किसी अनुभवी और विश्वसनीय ज्योतिषी से परामर्श लें। बालाजी ज्योतिष पीठ में विद्वान ज्योतिषियों की टीम आपकी कुंडली का गहन अध्ययन करके आपके जीवन के लिए सटीक और उपयुक्त सलाह देने में सक्षम है। इनके द्वारा प्रदान की गई विशेषज्ञ सलाह और मार्गदर्शन आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकती है।
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