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सामुद्रिक शास्त्र

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सामुद्रिक शास्त्र

सामुद्रिक शास्त्र एक प्राचीन ज्योतिष शास्त्र है जो व्यक्ति के भविष्य और व्यक्तित्व को जानने के लिए व्यक्ति के शरीर की भिन्न-भिन्न भागों के लक्षणों का अध्ययन करता है। इसमें मुख, नाक, नेत्र, हाथ, पैर, और अन्य भागों के लक्षणों का अध्ययन किया जाता है और उनके माध्यम से व्यक्ति के भविष्य और व्यक्तित्व के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के शरीर के विभिन्न भागों के आकार, रंग, स्थिति, और लक्षणों का विशेष महत्व होता है और इन लक्षणों के आधार पर उसके भविष्य और व्यक्तित्व का विश्लेषण किया जाता है। इस शास्त्र में शरीर के विभिन्न भागों की रेखाओं, चिह्नों, और लक्षणों का अध्ययन किया जाता है और उनके माध्यम से व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है।

सामुद्रिक शास्त्र विशेष रूप से व्यक्ति के स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, भाग्य, संतान, वैवाहिक जीवन, धन, विद्या, और यात्रा के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए उपयोगी होता है। इस शास्त्र के अध्ययन के द्वारा व्यक्ति अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में सफलता प्राप्त करने के लिए उपयुक्त कदम उठा सकता है।