नामकरण मुहूर्त
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नामकरण मुहूर्त
नामकरण मुहूर्त का चयन बच्चे की जन्म कुंडली, तिथि, और समय के आधार पर किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में नामकरण मुहूर्त का महत्व बताया गया है और यह बच्चे के भविष्य में शुभ और सकारात्मक प्रभाव डालता है। कुछ मुख्य उपायों के आधार पर नामकरण मुहूर्त का चयन किया जाता है:
- तिथि और समय: नामकरण मुहूर्त का चयन तिथि और समय के आधार पर किया जाता है। शास्त्रों में कुछ विशेष मुहूर्त और दिनों को शुभ माना गया है, जैसे कि तृतीया, पंचमी, सप्तमी, नवमी, एकादशी, गुरुवार, और रविवार।
- नक्षत्र: कुछ नक्षत्रों को भी शुभ माना जाता है जिनमें नामकरण किया जाता है। अश्विनी, रोहिणी, मृगशीर्ष, पुष्य, हस्त, चित्रा, अनुराधा, उत्तराफाल्गुनी, श्रवण, शतभिषा, और रेवती इसमें शामिल हैं।
- लग्न: बच्चे के जन्म के समय का लग्न भी महत्वपूर्ण है जिसका ध्यान रखा जाता है। लग्न के अनुसार भी नामकरण मुहूर्त का चयन किया जाता है।
- नामकरण संस्कार: नामकरण संस्कार के दौरान पूजा, हवन, और वेद मंत्रों का पाठ किया जाता है। इसके दौरान भगवान की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की जाती है।
नामकरण मुहूर्त का चयन ध्यानपूर्वक और शास्त्रों के अनुसार करना चाहिए। इसमें किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य या पंडित की सलाह लेना उत्तम होता है।