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अन्नप्राशन मुहूर्त

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अन्नप्राशन मुहूर्त

अन्नप्राशन एक महत्वपूर्ण संस्कार है जब बच्चे को पहली बार ठोस आहार दिया जाता है। यह घटना उपनयन के बाद या बच्चे के पहले जन्मदिन के समय किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में भी इस संस्कार के लिए उपयुक्त मुहूर्त का चयन किया जाता है, जो बच्चे के जीवन में शुभ और सकारात्मक प्रभाव डालता है।

यहाँ कुछ मुख्य उपाय हैं जिन्हें अन्नप्राशन मुहूर्त का चयन करने के लिए ध्यान में रखा जाता है:

  1. तिथि और समय: अन्नप्राशन के लिए शुभ तिथि और समय का चयन किया जाता है। इसके लिए कुछ विशेष मुहूर्त होते हैं जैसे कि तृतीया, पंचमी, सप्तमी, नवमी, एकादशी, गुरुवार, और रविवार।
  2. नक्षत्र: कुछ नक्षत्रों का भी अन्नप्राशन के लिए विशेष महत्व होता है। ये नक्षत्र शुभ और सकारात्मक ऊर्जा को संचालित करते हैं और बच्चे के जीवन में सुख और समृद्धि के लिए शुभ होते हैं।
  3. ग्रहों की स्थिति: अन्नप्राशन के समय ग्रहों की स्थिति का महत्वपूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है। उनकी संवादनशीलता और उनका प्रभाव बच्चे के जीवन पर संभव प्रभावित होता है।
  4. पूजा और अनुष्ठान: अन्नप्राशन के समय धार्मिक पूजा और अनुष्ठान किया जाता है जिससे बच्चे के जीवन में शुभता और प्रसन्नता की ऊर्जा का संचार होता है।