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उपचारात्मक ज्योतिष (कोई जंतर नहीं, कोई मंतर नहीं, कोई तंतर नहीं)

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उपचारात्मक ज्योतिष (कोई जंतर नहीं, कोई मंतर नहीं, कोई तंतर नहीं)

उपचारात्मक ज्योतिष, जो कोई जंतर, मंतर, या तंत्र का आधार नहीं होता, ग्रहों और नक्षत्रों के शुभ और अशुभ प्रभावों को समझकर मानव जीवन को संतुलित और सुखमय बनाने का प्रयास करता है। यह ज्योतिष विद्या का एक अंश है जो भविष्य की पूर्वानुमान के लिए नहीं होता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में संतुलन और समृद्धि को बढ़ाने के लिए समर्थ होता है।

  1. उपचारात्मक ज्योतिष विद्या में ग्रहों के प्रभाव को बृहत दृष्टि से समझा जाता है।
  2. यह ज्योतिष पद्धति मानव जीवन में शांति, संतुलन, और समृद्धि के लिए उपाय प्रदान करती है।
  3. उपचारात्मक ज्योतिष विद्या में प्राणिक शक्तियों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राशि, ग्रह, और नक्षत्रों के उपाय सुझाए जाते हैं।
  4. यह ज्योतिष विद्या मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान और सुधार करने के लिए सहायक है।
  5. ज्योतिषीय उपाय जैसे मन्त्र, पूजा, दान, और ध्यान आत्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
  6. इस विद्या में ग्रहों के अनुकूल और प्रतिकूल प्रभावों का समाधान किया जाता है ताकि व्यक्ति अपने जीवन में समाधान प्राप्त कर सके।
  7. उपचारात्मक ज्योतिष विद्या में राशि, ग्रह, और नक्षत्रों के अनुसार उपाय किए जाते हैं जो समस्याओं को निवारण करते हैं और स्थिति को सुधारते हैं।
  8. यह विद्या धार्मिक और आध्यात्मिक प्राणिकताओं के साथ संवाद करती है और व्यक्ति को उनके अनुसार जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है।
  9. उपचारात्मक ज्योतिष विद्या व्यक्ति को उच्च अद्यतनता, संतुलन, और समृद्धि की ओर प्रेरित करती है।
  10. इस ज्योतिष विद्या में किसी भी तरह का तांत्रिक क्रियाकलाप नहीं किया जाता है, बल्कि मानव जीवन के शुभ और अशुभ प्रभावों का समाधान उपाय के माध्यम से किया जाता है।